हां, लोकसभा अध्यक्ष को मतदान का अधिकार होता है, लेकिन यह अधिकार केवल एक विशेष स्थिति में ही होता है। यदि किसी प्रस्ताव या विधेयक पर मतदान में समान संख्या में मत पड़े, तो लोकसभा अध्यक्ष निर्णायक मत (Casting Vote) दे सकते हैं। इसका मतलब यह है कि अध्यक्ष का वोट इस स्थिति में महत्वपूर्ण हो जाता है, जब दोनों पक्षों के मत समान होते हैं। ध्यान रखने वाली बात ये है कि लोकसभा अध्यक्ष कभी भी पहली बार मत नहीं देता है।